हर्जाना - भाग 2

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गीता मैडम के उठने के तुरंत बाद ही उनकी दो सह कर्मी महिमा और माया भी मौसम की भीषण गर्जना के कारण उठ गई थीं। उन्होंने गीता मैडम की गोद में रोते हुए बच्चे को देखते ही तैयारी शुरू कर दी। गीता मैडम ने कहा, “महिमा जल्दी गर्म पानी लेकर आओ और माया तुम दूध की बोतल तैयार करो।” बच्चे की टूटती साँसों को देखकर माया ने कहा, “मैडम इसकी हालत तो काफ़ी खराब लग रही है। मुझे नहीं लगता कि यह बच्चा टूटती साँसों के बिखराव को समेट पाएगा।” “ऐसा मत कहो माया, जितना कह रही हूँ उतना करो।