महानतम गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन् - भाग 32

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[ गणित पर रामानुजन का कार्य ] रामानुजन के कार्य का ब्योरा इस प्रकार से दिया जा सकता है—• इंग्लैंड जाने से पूर्व के कार्य।• इंग्लैंड में पाँच वर्ष रहकर किए गए कार्य।• भारत लौटकर एक वर्ष में किए गए कार्य।• सन् 1976 में अचानक प्रकाश में आए उनके कार्य और• कदाचित् अभी तक अप्राप्य उनके कार्य।इंग्लैंड जाने से पूर्व के कार्य:सन् 1903 से 1914 तक, केंब्रिज जाने से पूर्व तक, उनके द्वारा निकाले गए सूत्र तीन खंडों में हैं। ये उनकी तीन ‘नोट-बुक्स’ में संगृहीत हैं। पहली नोट बुक में 16 अध्याय हैं और इसमें 134 पृष्ठ हैं। दूसरी