नीलकण्ठ आज संदेश अपने पुराने दोस्त देविन्दर के घर गया हुआ था। दोनों दोस्त काफी समय के बाद मिले थे इसलिए घर में ही बैठे बस अपनी अन्तरंग बातें शेयर कर रहे थे। देविन्दर की पत्नी जसपिन्दर कौर उन दोनों के लिए पकोड़े तलकर दे रही थी। दोनों पति-पत्नी संदेश की आवभगत में कोई कमी नहीं छोड़ रहे थे - तभी उसके घर पर एक दस्तक हुई। दरवाज़े पर - देविन्दर का बचपन का दोस्त भजिन्दर खड़ा हुआ था। परजाईजी पैराँ पोणी, ओए भजिए किथे हैगा , ओए वेख तुहाडे कोळ कौण आया सी ? ओए किने दिनां बाद मिले