चिरयुवा बूटी - 5

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(5)  दानएक दिन एक व्यक्ति मोहन से मिला | उसने अपना परिचय दिया, “ मै विनयकुमार हूँ | दिल्ली में मेरी टायर की बड़ी कंपनी है | मैंने अख़बारों में मनुष्य को चिरयुवा बनाने के आपके महान कार्य के विषय में पढ़ा | मुझे बहुत ख़ुशी हुई | मै आपके मानवता के खातिर किए जा रहे कार्यो की प्रशंषा करता हूँ |” उसने एक बड़ी राशि का चेक देते हुए कहा, “ आपके महान कार्य के लिए मेरी एक तुच्छ भेंट स्वीकार कीजिए” | मोहन ने कहा, “ बहुत बहुत धन्यवाद “ वह कहने लगा, “ मै आपसे अपनी समस्या