[ शोक संताप ]रामानुजन की मृत्यु का समाचार मद्रास एवं शेष भारत के समाचार पत्रों में प्रकाशित हुआ। उनके भाई लक्ष्मीनरसिंहा, जो संपर्क आदि करने में आगे रहते थे, (बाद में उनका भी अल्प आयु में ही निधन हो गया) ने उनके जीवन की तिथिवार कुछ घटनाओं को लिपिबद्ध किया। भारत में तथा संपूर्ण विश्व के गणित-जगत् में उनकी मृत्यु का शोक छा गया। शोक सभाओं का आयोजन हुआ। कुछ समाचार पत्रों में उनकी जीवनी छपी, जिसमें इस बात का विशेष उल्लेख रहा कि किस प्रकार एक अत्यंत निर्धन परिवार में जनमे, स्कूल की शिक्षा से भी वंचित एक नवयुवक