[ ट्रिनिटी की फेलोशिप नहीं, आत्महत्या का प्रयास और ‘रॉयल सोसाइटी के फेलो’ का सफल चुनाव ]रामानुजन बीमारी के कारण मैटलॉक सेनेटोरियम में थे। रामानुजन के संरक्षक-अध्यापक श्री बार्नस ने पूरे विश्वास से मद्रास विश्वविद्यालय को लिखा था कि रामानुजन को अक्तूबर 1917 में ट्रिनिटी की फेलोशिप मिल जाएगी; परंतु तब तक ट्रिनिटी का वातावरण बहुत बदल चुका था। बड रसेल के निकाल दिए जाने से अध्यापक वर्ग में विभाजन हो गया था। प्रो. हार्डी इस विषय पर अपना रोष व्यक्त कर चुके थे, अतः अधिकारी वर्ग उनसे रुष्ट था।अक्तूबर 1917 में रामानुजन को पता लगा कि फेलोशिप के लिए