लहरों की बाांसुरी - 6

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6 - एक दिन उसने मुझे एक रेस्‍तरां में चाय पीने के लिए बुलाया था। ये पहला मौका था कि हम इस तरह से चाय पर मिल रहे थे। उसने मेरे सामने एक पैंफलेट रखा था। पूछा था मैंने-क्‍या है ये। - खुद ही पढ़ लो। उसने कहा था। एक बड़ी कंपनी अपने प्रोडक्‍ट की डायरेक्ट मार्केटिंग के लिए शहर में डायरेक्ट सेलिंग नेटवर्क बनाना चाहती थी। उन्‍हें ऐसे एजेंट चाहिये थे जो पार्टटाइम या फुल टाइम काम कर सकें। ये हमारे शहर के लिए बिल्‍कुल नयी बात होती। पहले एक हजार रुपये देकर सामान खरीद कर उनका एजेंट बनना