डाॅ प्रभात समीर कल्याणी अपने घर का ताला खोलने ही जा रही थीं कि तभी उनका मोबाइल बज उठा। एक डरी, सहमी, धीमी आवाज़ सुनाई दी। -‘मैडम, मैं अनीता.......मार डालेंगें......ये लोग मुझे मार डालेंगे। ' इस तरह के फ़ोन आते ही कल्याणी की त्योरी चढ़ने लगती और वह तुरन्त सक्रिय हो जातीं। अभी भी वह घर में घुसना ही भूल गईं। लड़की रोती जा रही थी। कल्याणी लड़की के अस्फुट वाक्यों को कठिनाई से पकड़ पा रही थीं- -'मैडम, मैं अनीता । मेरा पति पुनीत और मेरी सास मुझे जान से मार डालेंगे। ’ -’जान से ?’ कल्याणी सहम गईं