कालवाची की बात सुनकर भूतेश्वर बोला.... "आज मेरी इच्छा पूर्ण हुई" "कौन सी इच्छा"?,कालवाची ने पूछा... "प्रेत देखने की",भूतेश्वर बोला... "तो बताओ मेरी सहायता करोगे"कालवाची ने पूछा... तब भूतेश्वर बोला... "मुझे सिद्धियाँ तो प्राप्त हैं किन्तु मैंने ऐसी विद्या प्राप्त नहीं की जो किसी प्रेत को मानव रूप में परिवर्तित कर सके" "ओह!तो मुझे निराश होना पड़ेगा"कालवाची बोली... तब भूतेश्वर बोला... "तुम्हें निराश होने की आवश्यकता नहीं है,मेरा एक मित्र है जिसे प्रेत को मानव रुप में परिवर्तित करने की विद्या आती है,कदाचित वो तुम्हारी कोई सहायता कर सके" "किन्तु मैं उससे कैसें मिल सकती हूँ"?,कालवाची ने पूछा... "इसके लिए