कलवाची--प्रेतनी रहस्य - भाग(२१)

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कालवाची ने जब स्वयं को सुन्दर युवती एवं कौत्रेय को मानव रूप में परिवर्तित किया तो तभी कौत्रेय ने कालवाची से पूछा.... "अब क्या चेष्टा है तुम्हारी?" "बस तुम देखते जाओ" कालवाची बोली.... "मैं कुछ समझा नहीं,तुम करना क्या चाहती हो"?,कौत्रेय ने पूछा.... "मैनें कहा ना हस्तेक्षप मत करो,तुम बस देखते जाओ कि अब आगें क्या होगा?",कालवाची बोली... "मुझे तुम्हारे प्रयोजन पर संदेह हो रहा है"कौत्रेय बोला.... "तुम तो अकारण ही मेरे ऊपर संदेह कर रहे हो"कालवाची बोली... "संदेह नहीं कर रहा,बस तनिक भयभीत हूँ"कौत्रेय बोला... "भयभीत....वो भला क्यों?" कालवाची ने पूछा... "वो इसलिए कि अभी जो बारह वर्षों से