सोई तकदीर की मलिकाएँ 53 सुबह सुबह भाई को आया देख कर सुभाष खुश होने की बजाय चिंता से भर गया । घर में खैर सुख तो है न । सारे सकुशल हों हे भगवान । बिना कोई मजबूत कारण के भाई ऐसे कैसे आधी रात को ही घर से चल दिया वह भी बिना कोई सूचना दिए । पर शक्ल से तो सब ठीक लग रहा है । उदास या घबराया हुआ तो दिख नहीं रहा फिर यों अचानक इस तरह चला क्यों आया ।सोचों में डूबा डूबा सुभाष हाथ मुँह धोकर आया और रमेश के पास