सुलतान राजीव के साथ मीटिंग के लिए जाता है और फिर वहां से सीधा एयरपोर्ट के लिए निकल जाता है। जैसे ही सुलतान शॉपिंग का बैग पास वाली सीट पर रखता है! उसके दिमाग में तुरंत ही नाज के चेहरे की छवि छा जाती है। खास करकर उसकी आंखे एक ऐसी कशिश थी जो सुलतान को अपनी ओर खींच रही थी और सुलतान ना चाहते हुए भी उसकी ओर खींचा जा रहा था । वैसे तो सुलतान ने उसकी आवाज और आंखो के सिवाय पूरा चेहरा भी नहीं देखा! लेकिन फिर भी इतनी हद तक सुलतान के दिल में हलचल