शाम से ही काफी गहमा-गहमी थी, लोगों का आना शुरू हो गया था। भागदौड़ कर सभी बातें देखनी थी। कहीं कोई चूक ना हो जाए। सभी मेहमानों की खातिरदारी में कोई कमी ना रहे। आज पूरे एक वर्ष की हो गयी है मेरी बेटी, बस उसी के जन्म दिन की डिनर-पार्टी रखी थी काॅलोनी में ही। खाना बनाने वाले से लेकर सारी व्यवस्थाएं देखनी थी। ठीक सात बजे मैंने बेटी के हाथ से एक नीम का पौधा मेरे क्वार्टर के बाहर ही लगवाया। सभी मेहमानों ने इस पर अपने-अपने हिसाब से राय ज़ाहिर की। कोई पर्यावरण की बात कर रहा