गीता से श्री कृष्ण के 555 जीवन सूत्र - भाग 162

  • 2.2k
  • 987

जीवन सूत्र 496 पिछले अच्छे काम दिलाते हैं जीवन में बढ़तईश्वर के साधना पथ पर चलने से साधक की पिछली उपलब्धियां व्यर्थ नहीं जातीं।अर्जुन यह जानकर प्रसन्न हुए कि एक जन्म की साधना अगर अपनी पूर्णता को प्राप्त न हो सके तो जन्मांतर में भी जारी रहती है। वर्तमान देह के समापन के बाद आत्मा एक नई यात्रा शुरू करती है और केवल आत्मा ही नहीं सूक्ष्म शरीर भी अपने संचित संस्कारों के साथ आगे बढ़ता है और मोक्ष मिलने तक यह आत्मा इस सूक्ष्म शरीर के संस्कारों के साथ अनेक जन्म धारण करती है। लाक्षागृह अग्निकांड के बाद जब