जीवन सूत्र 451 लक्ष्य प्राप्ति में हड़बड़ी न करेंशनैः शनैरुपरमेद् बुद्ध्या धृतिगृहीतया।आत्मसंस्थं मनः कृत्वा न किञ्चिदपि चिन्तयेत्।।6.25।।इसका अर्थ है:-शनै: शनै: धैर्ययुक्त बुद्धि के द्वारा योगी संसार से उपरामता (विरक्ति) को प्राप्त करे।मन को परमात्मा में स्थित करके फिर अन्य कुछ भी चिन्तन न करे। भगवान कृष्ण की इस दिव्य वाणी से हम कार्य को धीरे-धीरे धैर्ययुक्त बुद्धि से संपन्न करने को एक सूत्र के रूप में लेते हैं। जीवन सूत्र 452 सफलता का शॉर्टकट नहीं होता हैसफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता और बात अगर साधना के द्वारा ईश्वर से साक्षात्कार की ओर कदम बढ़ाने की हो,तब तो एक-एक कदम