जीवन सूत्र 381 इंद्रियों और विषयों के संयोग से बनने वाले सुख अस्थाईभगवान श्री कृष्ण और जिज्ञासु अर्जुन की चर्चा जारी है।जो इन्द्रियों और विषयों के संयोग से पैदा होने वाले भोग(सुख) हैं,वे आदि-अंत वाले और दुःख के ही कारण हैं।(22 वें श्लोक के बाद आगे का वार्तालाप) जिन चीजों को मनुष्य सुख मानता है,वे विषयों और इंद्रियों के संयोग से उत्पन्न होते हैं। जब हमारे मन में सुखों की प्राप्ति के लिए तीव्र चाह उत्पन्न होती है तो यह कामना हमारे सारे कार्यों की दिशा को उसी कामना की प्राप्ति की ओर मोड़ देती है।जीवन सूत्र 382 कामना प्रभावित