गीता से श्री कृष्ण के 555 जीवन सूत्र - भाग 136

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जीवन सूत्र 371 यह धारणा गलत कि सुख हमारे अनुकूल होता है और दुख प्रतिकूल अर्जुन के प्रश्नों का उत्तर देते हुए भगवान श्री कृष्ण ने कहा कि न सुख स्थाई है,न दुख स्थाई है।हम इन सुखों और दुखों को अपने अनुकूल और प्रतिकूल मानकर व्यवहार कर बैठते हैं। इन्हें देख कर मन में स्वाभाविक संवेग उत्पन्न होने पर भी बहुत जल्दी ही संतुलन स्थापित कर अपने कार्य को आगे संचालित करना आवश्यक होता है। हमारे सुख और दुखों का निर्धारण हम स्वयं नहीं करते, बल्कि बाह्य परिस्थितियों को हमने इनका कर्ताधर्ता मान लिया है।जीवन सूत्र 372 आत्मा की अनुभूति