गीता से श्री कृष्ण के 555 जीवन सूत्र - भाग 114

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जीवन सूत्र 266 ज्ञान संसार की पवित्रतम वस्तुभगवान श्री कृष्ण ने गीता उपदेश में अर्जुन से कहा है: -न हि ज्ञानेन सदृशं पवित्रमिह विद्यते ।तत्स्वयं योगसंसिद्धः कालेनात्मनि विन्दति।4/38।इसका अर्थ है, इस लोक में ज्ञान के समान पवित्र करने वाला,नि:संदेह कुछ भी नहीं है। कर्मयोग का अभ्यास करने वाला व्यक्ति इस ज्ञान को स्वयं ही समय के अनुसार आत्मा में प्राप्त कर लेता है।जीवन सूत्र 267 ज्ञानी का पुनर्जन्म नहीं होता भगवान श्री कृष्ण ने ज्ञान को संसार की पवित्रतम वस्तु कहा है। ज्ञान की महत्ता बताते हुए महाभारत के शांति पर्व में महर्षि वेदव्यास ने लिखा है कि जैसे आग