गीता से श्री कृष्ण के 555 जीवन सूत्र - भाग 110

  • 2.5k
  • 915

जीवन सूत्र 251 सब में ईश्वर को देखेंभगवान श्री कृष्ण ने गीता में अर्जुन से कहा है:-यज्ज्ञात्वा न पुनर्मोहमेवं यास्यसि पाण्डव।येन भूतान्यशेषेण द्रक्ष्यस्यात्मन्यथो मयि।।4/35।।इसका अर्थ है,इस (तत्त्वज्ञान)का अनुभव करनेके बाद तू फिर इस प्रकार मोह को नहीं प्राप्त होगा,और हे अर्जुन!इससे तू सम्पूर्ण प्राणियोंको निःशेषभाव से पहले स्वयं में और उसके बाद मुझ सच्चिदानन्दघन परमात्मा में देखेगा। जीव तब तक मोह, माया और आसक्ति से बंधा रहता है,जब तक वह चीजों पर अपना अधिकार भाव समझता है।वह यह मानता है कि यह चीज उसकी है और उसके पास होनी चाहिए और अगर वह संतुष्ट हो गया, तब भले दूसरों को