गीता से श्री कृष्ण के 555 जीवन सूत्र - भाग 90

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जीवन सूत्र 149 जैसा सोचेंगे वैसा बनेंगेभगवान श्री कृष्ण ने गीता में कहा है:-ये यथा मां प्रपद्यन्ते तांस्तथैव भजाम्यहम्।मम वर्त्मानुवर्तन्ते मनुष्याः पार्थ सर्वशः।।4/11।।इसका अर्थ है, हे अर्जुन!जो मुझे जैसे भजते हैं, मैं उन पर वैसे ही कृपा करता हूँ; सभी मनुष्य सब प्रकार से,मेरे ही मार्ग का अनुसरण करते हैं।जीवन सूत्र 150 ईश्वर के दरबार में नहीं है भेदभाव भगवान के दरबार में उनकी कृपा को लेकर कोई भेदभाव नहीं है। जिनके दृष्टि में भगवान एकमात्र सहारा हैं तो भगवान उसी तरह उनकी मदद करते हैं। मीरा के लिए "मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो न कोई" वाले कृष्ण हैं तो