गीता से श्री कृष्ण के 555 जीवन सूत्र - भाग 87

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जीवन सूत्र 136 ईश्वर को तत्व से जाने वाले का फिर जन्म नहीं होतागीता में भगवान श्री कृष्ण ने कहा है-जन्म कर्म च मे दिव्यमेवं यो वेत्ति तत्त्वतः।त्यक्त्वा देहं पुनर्जन्म नैति मामेति सोऽर्जुन।।4/9।।इसका अर्थ है,हे अर्जुन ! मेरा जन्म और कर्म दिव्य है,इस प्रकार जो पुरुष मुझे तत्त्व से जानता है,वह शरीर को त्यागकर फिर जन्म को प्राप्त नहीं होता;वह मुझे(ईश्वर को) ही प्राप्त होता है। गीता प्रेस के इस श्लोक के कूटपद के अनुसार ईश्वर को तत्व से जानने का अर्थ है- सर्वशक्तिमान सच्चिदानंदघन परमात्मा अविनाशी और सर्व भूतों के परम गति तथा परम आश्रय हैं।वे केवल धर्म की