गीता से श्री कृष्ण के 555 जीवन सूत्र - भाग 79

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जीवन सूत्र 109 110 111 भाग 78जीवन सूत्र 109: काम की उद्दंडता पर प्रहार आवश्यकगीता में भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है -तस्मात्त्वमिन्द्रियाण्यादौ नियम्य भरतर्षभ।पाप्मानं प्रजहि ह्येनं ज्ञानविज्ञाननाशनम्।।3/41।।इसका अर्थ है, हे अर्जुन! तू सबसे पहले इन्द्रियों को नियंत्रण में करके इस ज्ञान और विज्ञान का नाश करनेवाले महान् पापी काम को अवश्य ही बलपूर्वक नष्ट कर दो। पूर्व के श्लोकों में भगवान श्रीकृष्ण ने काम को मनुष्य की अज्ञानता और अविवेक का मूल कारण घोषित किया है,क्योंकि इस काम के कारण मनुष्य कई तरह की अवांछित इच्छाओं को पूरा करने के लिए तत्पर हो उठता है।इस काम के कारण ही उसके