दहक फेमिली कोर्ट का कमरा खचाखच भरा था । आज कुल दस केस की सुनवाई थी । इधर नीलोत्पल आखिरी कौशिश करना चाह रहा था अपनी गृृहस्थी को बचाने के लिए लेकिन नीलिमा टस से मस नहीं हो रही थी वो बस एक ही बात कह रही था मुझे तलाक चाहिस बस । नीलोत्पल उसे बार-बार दोनो बच्चियों की दुहाई दे रहा था । बार-बार रिक्वेस्ट कर रहा था कि वेा तलाक न ले उसे जिस तरह की भी आज़ादी चाहिए वो देने को तैयार है । उसे लग रहा था मानेा रिश्तों ज़मीन आज बांझ होती जा रही है