दतिया की बुंदेला क्षत्राणी रानी सीता जू - 8

  • 2.9k
  • 1.3k

8 लेकिन रानी ने सीधा हमला करके खून खराबा करने के बजाय, युक्ति पूर्ण कब्जे की योजना बनाई। जबकि अपने पराक्रम की धुन में, रामचंद्र सीधा आक्रमण करने के पक्ष में थे। ऐसे में नौनेशाह ने रानी की सोच को उचित ठहरा कर रामचंद्र को शांत किया। दूसरी ओर भारतीचंद के राज्य अभिषेक की तैयारियाँ जोरों पर थीं। नई सेना पाकर गर्वोन्मत्त भारतीचंइद, आसन्न संकट से बेखबर थे। और फिर, राज्याभिषेक के ही दिन, अर्धरात्रि में रामचंद्र राव ने अचानक चारों ओर से हमला कर, प्रतापगढ़ दुर्ग को अपने कब्जे में लेकर भारतीचंद को बंदी बना लिया। इस कार्य में