दिसंबर संजोग - आभा श्रीवास्तव

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वैसे अगर देखा जाए तो हमारे आसपास के माहौल में इतनी कहानियाँ अपने किसी न किसी रूप में मौजूद रह इधर-उधर विचरती रहती है। जिन्हें ज़रूरत होती है पारखी नज़र..सुघड़ हाथों एवं परिपक्व सोच की, जो उन्हें किसी कहानी या उपन्यास का मुकम्मल जामा या फिर कोई छोटा सा हिस्सा ही बना सजा..संवार कर उभार सके।आँखों के ऑपरेशन की वजह से लगभग 15 दिनों तक किताबों से दूरी के बाद ऐसे ही जिस उम्दा कहानी संकलन को पढ़ने का मौका मिला, उसे 'दिसंबर संजोग' के नाम से लिखा है प्रसिद्ध लेखिका आभा श्रीवास्तव ने। 650 से ज़्यादा रचनाएँ लिख चुकी