शायराना - 1

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जिंदगी  अपना इम्तिहान  जरूर लेती है ।  हम चाहे कितने भी क्यों न बदल जाए ।   पर वो नहीं बदलेगा जो हमने दूसरों के साथ किया है ।।       कुछ  अच्छा  , कुछ  बुरा ।  हमारे कर्म  तो हमे पहेचान  ही जाएगे , क्योंकि समय इसका साक्षी है ।।    हमारे किए  हुए अच्छे और बुरे कर्मों का फल हमे भुगतना ही पड़ता है ।।    चाहो  तो  आज  और  मानो  तो  कल    किस्मत अपनी कुछ ऐसी है ।  राहे  भी  कांटे जैसी है ।।  कहे  किसे  दास्ता  ।  काटे  जब  अपने  ही  रास्ता  ।।