खिलखिलाहट

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खिलखिलाहट‘हलो माधवन..............हलो............हलो...............’उधर से कोई आवाज़ नहीं आई। वीना ने मोबाइल मेज पर रख लिया। ‘आखिर उसने मिसकाल क्यों किया, यदि बात नहीं करनी थी।’ वीना कुछ तमतमाई उसी समय मोबाइल की घंटी फिर बज उठी। ‘हलो'उधर से माधवन चहक उठा, 'हलो वीना, हलो...............’'हाँ बोल रही हूँ, बोलो तो........हलो तुमने मिसकाल करके फिर मेरे फ़ोन को...............।’'सुनो..........वीना, नाराज़ न हो..........मैं बाथरूम में था। तुम्हारी आवाज़ सुनी थी............पर................।’'तुम जब देखो बाथरूम में ही होते हो.........तुम्हारा बाथरूम, बाथरूम न होकर बैठक हो गया है।''ठीक कहती हो तुम..........बहुत लम्बा चौड़ा बाथरूम है, टाइल्स से सजा हुआ, चारों तरफ शीशे, तीन फव्वारे ठंडा गरम। बाथटब में