जिद है तुझे पाने की - भाग 1

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सुबह के दस बज रहे थे. मैं अपने कमरे में बैठी उदास नजरों से खिड़की के बाहर देख रही थी. अचानक डोर ओपन होने की आवाज सुनकर मेरा ध्यान उस तरफ चला गया. डोर ओपन होते ही मेरी नजरें उससे जा मिली. हमेशा की तरह ब्लैक बिजनेस सूट में वो बहुत हैंडसम लग रहा था. लेकिन वो कहते हैं न ... नेवर जज अ बुक बाय इट्स कवर. वैभव भी कुछ ऐसा ही था. वैभव को हमेशा सब कुछ साफ़ सुथरा और सलीके से चाहिए होता था. यही वजह थी कि वो खुद भी हमेशा एकदम परफेक्ट दिखता था. क्लीन