धीरे-धीरे समय व्यतीत होने लगा। अरुण अपने माता-पिता से मिलने हर दूसरे दिन वृद्धाश्रम जाता रहा। हमेशा कुछ ना कुछ लेकर वह वहाँ पहुँच ही जाता था। अर्पिता की प्रेगनेंसी के दौरान तबीयत खराब रहने लगी। उसकी देख भाल करने के लिए अब घर में किसी का होना बहुत ज़रूरी था। अरुण को हमेशा शहर से बाहर टूर पर जाना होता था। एक दिन अर्पिता ने अपनी मम्मी को फ़ोन लगाया, "हेलो मम्मी" "हेलो, हाँ बोलो अर्पिता।" "मम्मी डॉक्टर ने कहा है मुझे ज़्यादा से ज़्यादा आराम करना चाहिए। क्या आप...?" "नहीं अर्पिता, यहाँ तुम्हारी भाभी निधि भी तो प्रेगनेंट