नि:शब्द के शब्द - 15

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नि:शब्द के शब्द / धारावाहिक *** पन्द्रहवां भाग गन्ने के खेत में लाशें मोहित के पिता बड़ी देर तक अपने सोच-विचारों में, अपने सिर को झुकाए हुए, एक हाथ से सहारा लिए खोये रहे. मोहित भी जैसे एक प्रतिमा बना हुआ कभी वह मोहिनी को चोर नज़रों से देखता तो कभी अपने पिता को विचारों में गुमसुम पाया हुआ देख, जैसे चिंतित हो जाता था. फिर काफी देर के बाद उन्होंने जब अपनी आँखें खोली तो सामने मोहिनी को अपने सिर पर साड़ी का पल्लू डाले हुए, चुपचाप खड़ी देख वे उससे सम्बोधित हुए. वे बोले कि, 'अरे ! बेटी,