छाया बोलती है, "दीदी मैं तो चाहती हूं की मेरी एक बेटी हो"।तभी छाया की जेठानी उसे एक थप्पड़ मारती हैं और बोलती है, "तुम्हे शर्म नही आ रही है , तुम्हारे लिए सास ससुर इतनी दूर गए हैं लडके की दुआ मांगने और तुम हो की ऐसी बाते कर रही हो, शुक्र है की ये बात किसी और ने नही सुनी वरना पता नहीं आज तुम्हारे साथ क्या होता, आइंदा ये कभी भी मत बोलना समझी"।तब छाया बोलती है, "जी दीदी ठीक है "।उसके बाद छाया जा कर बैठ जाती हैं और उसकी जेठानी बोलती है, "अच्छा ठीक है