अतीत के पन्ने - भाग 33

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गीता को पिया ने देखते ही देखते बोल पड़ी अरे आप को कैसे सब पता।गीता ने कहा मैं तुम्हारे साथ रह कर तुम्हें कुछ समझाना चाहती हुं।फिर जतिन चाय लेकर आ गए।पिया ने कहा पापा ये क्या यहां रहेगी?जतिन ने कहा हां, बेटा तुम्हारी दोस्त।फिर सबने मिलकर चाय पिया।शायद अब पिया को भी जीने का आसरा मिल जाए जैसे एक प्यासे को कुएं की याद आती है।इस तरह से जिंदगी चलने लगी थी और फिर पिया अब हंसने, बोलने और गुनगुनाते हुए रहती थी।पता नहीं पिया का अतीत उसको क्या सिखाएगी।पर हर रोज आलेख अपनी जिम्मेदारी करते नहीं भुलता वो