भारत के कुछ बड़े-बड़े नेताओं का यह विश्वास हो गया है कि हिन्दू-मुस्लिम एकता के बिना भारत को स्वराज्य की प्राप्ति असम्भव है । महात्मा गांधी और कांग्रेस ने इस हिन्दू-मुस्लिम एकता के लिये अनेक बार प्रयत्न किये किन्तु सब में मुसलमानों की हठधर्मी और अन्याय्य मांगों के कारण उन्हें असफल ही होना पड़ा। इन नेताओं के इन प्रयत्नों का परिणाम यह हुआ कि दूसरी पार्टी अपनी असम्भव मांगें बढ़ाती हुई पाकिस्तान पर आ पहुॅची है। पाकिस्तान का अभिप्राय यह है कि भारत के दो खण्ड कर दिये जायें, एक का नाम पाकिस्तान हो और दूसरे का हिन्दुस्तान। हिन्दुस्तान में