इस जन्म के उस पार - 8

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( कहानी को समझने के लिए आगे के पाठ अवश्य पढ़े )अगले दिन सारी तैयारी हो चुकी थी.. डेकोरेशन सारा खुद यस्वी ने करवाया था..जीसे देख वीर :- वाओ ये बहुत प्रीटी है.!!नाइस आईडीया.!!यस्वी :- तो सजाया किसने है.?वीर मुस्कुराके :- हा भाई.. तुम तो हो ही बेस्ट.!!मन मे :- मेरे लिए भी.!!दादी :- अच्छा अब तुम दोनों भी जाओ तैयार हो के आओ मेहमान आते ही होंगे.!!सब मेहमान आ गए थे वही वीर भी सूर्यांश के साथ आ गया था. वीर ने आज तो आज कोई कमी नहीं रखी थी. बड़ा ही हेंडसम बन के आया था. जिसके दो