रामायण - अध्याय 1 - बालकाण्ड - भाग 11

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(11) अवतार के हेतुसोरठा : * सुनु सुभ कथा भवानि रामचरितमानस बिमल।कहा भुसुंडि बखानि सुना बिहग नायक गरुड़॥120 ख॥ भावार्थ:-हे पार्वती! निर्मल रामचरितमानस की वह मंगलमयी कथा सुनो जिसे काकभुशुण्डि ने विस्तार से कहा और पक्षियों के राजा गरुड़जी ने सुना था॥120 (ख)॥ * सो संबाद उदार जेहि बिधि भा आगें कहब।सुनहु राम अवतार चरति परम सुंदर अनघ॥120 ग॥ भावार्थ:-वह श्रेष्ठ संवाद जिस प्रकार हुआ, वह मैं आगे कहूँगा। अभी तुम श्री रामचन्द्रजी के अवतार का परम सुंदर और पवित्र (पापनाशक) चरित्र सुनो॥120(ग)॥ * हरि गुन नाम अपार कथा रूप अगनित अमित।मैं निज मति अनुसार कहउँ उमा सादर सुनहु॥120 घ॥