(52) मेजर विक्रम अस्पताल में करीब एक हफ्ते रहे। वहां से छुट्टी मिलने पर शांभवी के यहां तीन दिन और रुके। इन दस दिनों में शांभवी ने पूरी लगन से उनकी सेवा की।यहां तक कि उसने दिवंगत शौर्य के गांव उनकी मां दीप्ति के पास जाने का निर्णय भी स्थगित कर दिया। पहले के तय निर्णय के अनुसार कर्नल राजवीर के नई दिल्ली से लौटने के तीसरे दिन शांभवी को दीप्ति के पास जाना था। इसके एक दिन पहले ही आतंकवादी हमले वाली घटना हो गई और इसका समाचार भी दीप्ति ने टीवी पर देख लिया था। मेजर विक्रम का