भाग 60 जीवन सूत्र 68 धरातल पर आधारित नेतृत्व स्थायीगीता में भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है:-यद्यदाचरति श्रेष्ठस्तत्तदेवेतरो जनः।स यत्प्रमाणं कुरुते लोकस्तदनुवर्तते।।3/21।।इसका अर्थ है, हे अर्जुन!श्रेष्ठ पुरुष जैसा आचरण करता है, अन्य लोग भी वैसा ही अनुकरण करते हैं;वह पुरुष अपने कार्यों से जो कुछ स्थापित कर देता है,लोग भी उसका अनुसरण करते हैं। वास्तव में घर परिवार से लेकर शासन और समाज तक शीर्ष स्थान पर रहकर नेतृत्व करने वाले व्यक्ति के ऊपर एक बड़ी जिम्मेदारी होती है।वे जैसा करते हैं,अन्य लोग भी उनका अनुसरण करते हैं।ऐसे व्यक्ति अपने आचरण से लोगों के सामने एक उदाहरण प्रस्तुत करते हैं। उनका