इस जन्म के उस पार - 3

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(कहानी को समझने के लिए आगे के भाग जरूर पढ़े )सूर्यांश झेप जाता है और जत से हाथ छोड़ देता है. जिससे वीर अपना हाथ आगे बढ़ :- हाय मिस नंदिनी.. वैसे u aare looking so beutiful..!!नंदिनी :- जी..!!थैंक यू.!!सब बाते कर ही रहे थे. की नंदिनी सबकी नज़र बचाकर अपना हाथ अपने पैर पर रखती है जिससे हल्की टोशनी निकलने के साथ ही उसका थोड़ा दर्द भी गायब हो जाता है.।बाकी सब बाते कर रहे थे की विसंभर जी(दादू ), "चलो नंदू आज तो कुछ गा ही दो.!!"दादी :- हा जरूर.!!चलो गुड़िया सुन्दर सा गाना गाओ.!!वीर :- हें..., आप