एपिसोड 31 ( अनंत या शुरुवात ?) कनिका अभी सोच ही रही थी.. की वो यहाँ कैसे आई ... .... की अचानक से उस कमरे में लाइट आ गई | उसने अपनी आँखों को ढका | क्यूंकि वो तेज़ रौशनी कनिका की आँखों में चुभ रही थी | पर जैसे ही उसने अपना हाथ हटाया .... उसने अपने सामने जो देख .. उसे देख ... कनिका के पैरों तले जमीन तो किसी नदी के पानी की तरह बह सी गई हो | वो अपनी आँखों पर विश्वास ही नहीं कर पा रही थी ... की जो वो देख रही है