गेहूं कटाई

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गैहुँ कटाईसुमित की माँ एक टोकरी मे खाना रखते हुए सुमित से बोली जल्दी चलो सुमित, तुम्हारे पापा खेत मे हमारी राह देख रहे होगे। सुमित आज कुछ निरस सा प्रतीत जान पड़ रहा था। उसकी रुचि आज खेते मे गेहुँ कटाई में हाथ बटाने की बजाय गांव मे हो रही कबड्डी देखने मे अधिक प्रतीत हो रही थी, इसी का आभास करते हुए माँ बोली : कबड्डी, बैट - गिंडी, खोखो, ये सब भरे-पूरे घरो के बच्चे के चोचले हैं, ये है कोई खेल, अरे खेल तो असली खेत मे है, जब भाई- बहन तक हार दोपहर में पेड़