हीर रांझा - भाग 1

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चेनाब नदी के किनारे एक खूबसूरत जगह है- तख़्त हजारा। यहाँ बहने वाले दरिया की लहरें और बगीचे की खुशबू की वजह से इसे पूरब का स्वर्ग कहा जाता है। यही रांझाओं की धरती है जो मस्ती से यहाँ रहते हैं।इस बस्ती के नौजवान खूबसूरत और बेपरवाह किस्म के हैं। वे कानों में बालियाँ पहनते हैं और कंधे पर नए शॉल रखते हैं। उनको अपनी खूबसूरती पर गर्व है और सभी इसमें एक-दूसरे को मात देते दिखते हैं।इसी बस्ती का मुखिया था जमींदार मौजू चौधरी । वह आठ बेटे और दो बेटियों का बाप था। वह बहुत धनी और खुशहाल