जस्बात-ऐ-मोहब्बत - 11

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तो रिचा कही खोई खोई सी लगती है रिचा की माँ ये देख कर कहती है रिचा बेटा तू कुछ दिनों के लिए ऋषिकेश क्यूँ नहीं चली जाती अपनी बुआ के घर तुझे अच्छा भी लगेगा और घूमना भी जाएगा रिचा कहती है नहीं माँ मेरा कही जाने का मन नहीं है माँ कहती है लेकिन बेटा तू घर ही घर मे उदास सी बाठी रहती है घूम कर आएगी तो तेरा दिल भी बेहेल जाएगा रिचा कहती है ठीक है माँ मैं कल चली जाऊँगी ꠰ अगले दिन रिचा ऋषिकेश जाने की तैयारी करती है और माँ से कहती