वो निगाहे.....!! - 7

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हा समझ गई मेरी माँ अब ना हसुगी फिर से खि खि कर हसने लगी l श्री धानी कि बच्ची चुप कर जा पागल लडकी l अच्छा अच्छा अब नहीं हसुगी पक्का धानी मुह पर उंगली धर लि l वैसे धानी मुझे अभी भी यकीन नहीं हो रहा है यार मुझे हमारी मोहब्बत मिलने वाली है l धानी श्री से दो साल से तुझे देख रही हूँ उन यादो को जीते हुये कितना रोई है उन यादो के लिये ईश्वर इतना भी निश्ठुर नहीं है कि तुम्हे तुम्हारी मोहब्बत ना मिलाते l अब ईश्वर का धन्यवाद कर चुप चाप सो