इस प्यार को क्या नाम दूं ? - 18

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(18) प्रिया (अर्नव की पी०ए०) फ़ाइल लेकर केबिन में आती है। वह अर्नव का इंतजार कर रही होती है तभी वहाँ ख़ुशी भी आ जाती है। प्रिया ख़ुशी को ऊपर से नीचे तक देखते हुए मुँह बनाकर कहती है- ये बहनजी कौन है ? यहाँ क्या कर रही है। प्रिया (तंजिया लहज़े में)- हे यू ! मैं अर्नव सर की पर्सनल असिस्टेंट हूँ। तुम्हें यहाँ किसने बुलाया है ? ख़ुशी (मुस्कुराते हुए)- हम अर्नवजी के घर काम करते हैं। प्रिया- ओह ! सर्वेन्ट हो। वॉशरूम से बाहर निकलते ही अर्नव प्रिया की बात सुन लेता है। ख़ुशी प्रिया की बात