इस प्यार को क्या नाम दूं ? - 12

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(12) देवयानी (ख़ुशी से)- अरे ख़ुशी, आप खड़ी क्यों है। आप अर्नव के पास बैठ जाइए। सभी अपने अनुसार अपनी थाली लगा लेंगे। ख़ुशी (अचकचाकर)- नहीं नानी जी हमें अभी भूख नहीं है। हम सर्व कर देते हैं। देवयानी- लगता है आपको भोंदू की संगति का असर हो गया है। आप भी मनमानी करने लगी है। ख़ुशी देवयानी की आज्ञा का पालन करते हुए डरते-सहमते हुए अर्नव के पास बैठ जाती है। अर्नव ग़ुस्से भरी निगाहों से ख़ुशी को देखता है। देवयानी (ख़ुशी से)- आप अपनी औऱ भोंदु की प्लेट लगा लीजिए। ख़ुशी - जी नानीजी ! ख़ुशी अर्नव की