मीठी –एक लगाव

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हम अक्सर किसी ऐसे व्यक्ति से मिल जाते हैं, जिससे ना चाह कर भी एक अजीब सा रिश्ता बन जाता है। उससे दूर रहना बहुत मुस्किल सा लगने लगता है, एक लगाव सा होने लगता है और बही लगाव एक आदत बन जाती है।ऐसा ही हुआ मेरे साथ मैं करीब सोलह साल की थी, घर में सिर्फ बड़े भाई साहब और भाभी थी, मैं अपने कमरे की खिड़की के पास बैठी अपनी किताब पढ़ रही थआई तभी अचानक से भआई साहब आते है, बह हमेशा ऑफिस से आते वक्त मेरे लिए कुछ ना कुछ लाया करते थे, मगर आज बह