श्रापित - एक अधूरी प्रेम कहानी - (अंतिम भाग)

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मैं डर गया और वहां से भागने लगा तभी वह मेरे पास आकर बोली प्रेम तुम मुझसे दूर क्यों भाग रहे हो ?तब मैंने थोड़ा हिम्मत जुटाया और बोला- क्योंकि तुम एक भुत हो तुम मुझसे क्या चाहती हो मुझसेतब उसने कहा- मददमदद कैसै मदद मैंने पूछा?तुमने मुझे पहचाना नहीं मैं हूं नेहा नेहा वही जिसे मैं प्यार करता था हां वही है जिसे तुम कभी प्यार किया करते थे याद है वो दिनमैं बोला- कैसे भूल सकता हूं उस दिन को जब हमारी मुलाकात हुई थी उस दिन जोरो की बारिश हो रही थी और मैं वहां से छाते