[ शिवाजी महाराज और धर्म ]शिवाजी ने इसलामी शत्रुओं से लड़ाइयाँ कीं, किंतु इसलामी प्रजा से उनका कोई शत्रुत्व नहीं था। आदिलशाह, मुगल, सिद्दी ये सब इसलामी थे। इसलामी प्रजा को शत्रु मानना तो दूर, शिवाजी ने उन्हें अपनी सेना और नौसेना में शामिल किया। उन्हें बड़े-बड़े ओहदे दिए। इब्राहिम खान, दौलत खान आदि मुसलमानों ने शिवाजी की नौसेना में सबसे ऊँचे पदों की शोभा बढ़ाई। शिवाजी सभी के राजा थे, केवल हिंदुओं के नहीं।धर्म महत्त्वपूर्ण है, किंतु राष्ट्र के विकास में, राष्ट्र की सुरक्षा में धर्म रुकावट नहीं बनना चाहिए। यही संदेश शिवाजी ने अपने आचरण से दिया है।