तवायफ

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मुसई को जन्म देते ही अनिता चल बसी मंगल को बच्चे के लालन पालन के लिए बड़ी मुश्किलें आने लगी धन दौलत कि कोई कमी नही थी अतः उनके पास गांव वाले नित नए नए प्रस्ताव लेकर उनकी दूसरी शादी के लिये आते उन्ही में एक था चुरामन जो नाम तो चुरामन था लेकिन काम सदैव छूरामन जैसा ही करता था ।मंगल के पिता नर्वदा ने चुरामन के दादा सकल को कर्ज में पांच सौ रुपये दिए थे जिसे वह चुका नही पाये और जो जमीन उसके पास थी वह नर्मदा के नाम हो गयी यह शर्त कर्ज की शर्तों