हादसा - भाग 4

  • 3.3k
  • 1
  • 1.8k

मंदिर पहुँच कर देवी माँ के सामने उन्होंने नतमस्तक होकर प्रार्थना की। पूजा अर्चना के बाद मंदिर की परिक्रमा कर दोनों प्रसाद लेकर बाहर आए। पहाड़ी के टीले पर बैठकर हाथों में हाथ डाले, दोनों अपने सुंदर भविष्य के सपने देख रहे थे। एक घंटा कैसे बीत गया उन्हें पता ही नहीं चला। तभी प्रकाश ने अपनी घड़ी की तरफ देखते हुए कहा, “चलो पूनम समय हो गया है। ऐसा लगता है इन प्यार के लम्हों में समय की गति कुछ ज़्यादा ही तेज़ हो जाती है। तुम्हारे साथ तो ज़िंदगी कैसे कट जाएगी पता ही नहीं चलेगा।” पूनम ने